जानिए प्रत्यय की परिभाषा क्या है? | Pratyay Ki Paribhasha

Pratyay Ki Paribhasha: प्रत्यय वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके व्याकरणिक रूप या अर्थ को बदल देते हैं। वे अपरिवर्तनशील शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर उनकी विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। प्रत्यय को पूर्वसर्ग भी कहते हैं

जैसे :- आइन (पण्डित + आइन = पण्डिताइन)

‘आइन’ शब्द का अपने आप में कोई विशेष अर्थ नहीं है, परन्तु जब ‘पंडित’ शब्द के सामने इसका प्रयोग किया जाता है, तो उसका अर्थ बदल जाता है। इसलिए, यहाँ प्रत्यय “आइन” का उपयोग किया गया है।

समाज + इक सामाजिक
सुगंध + इत सुगंधित
भूलना + अक्कड भुलक्कड
मीठा + आस मिठास
लोहा + आर लुहार
नाटक + कार नाटककार
बड़ा + आई बडाई
टिक + आऊ टिकाऊ
बिक + आऊ बिकाऊ
होन + हार होनहार
लेन + दार लेनदार
घट + इया घटिया
गाडी + वाला गाड़ीवाला
सुत + अक्कड सुतक्कड़
दया + लु दयालु

 

Pratyay Ki Paribhasha जानने के बाद आईये इसके प्रकार के बारे में जानते है।

प्रत्यय के प्रकार

विदेशी भाषा के प्रत्यय

  • संस्कृत के प्रत्यय
  • हिंदी के प्रत्यय

संस्कृत के प्रत्यय

संस्कृत व्याकरण में जिन प्रत्ययों से शब्द और धातुएँ जुड़ती हैं उन्हें संस्कृत प्रत्यय कहते हैं।

जैसे :- त – आगत , विगत , कृत।

संस्कृत प्रत्यय के प्रकार

प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं।

  • कृत प्रत्यय
  • तद्धित प्रत्यय

कृत प्रत्यय

निष्क्रिय प्रत्यय वे उपसर्ग होते हैं जो किसी क्रिया या मूल के अंत में लगाकर एक नया शब्द बनाते हैं।

कृदंत प्रत्यय वे प्रत्यय होते हैं जो किसी अन्य प्रत्यय को मिलाकर बनाए जाते हैं। इन प्रत्ययों द्वारा क्रिया और मूल को अतिरिक्त अर्थ दिया जाता है। संज्ञा और विशेषण बनाने के लिए कृत प्रत्यय को भी जोड़ा जाता है।

जैसे:- लिख + अकः = लेखकः

लेख लेखक
पाठ पाठक
कृ कारक
गै गायक
धव धावक

 

कृत प्रत्यय के प्रकार

  • कर्तृवाचक कृत प्रत्यय
  • विशेषणवाचक कृत प्रत्यय
  • भाववाचक कृत प्रत्यय
  • कर्मवाचक कृत प्रत्यय
  • करणवाचक कृत प्रत्यय
  • क्रियावाचक कृत प्रत्यय
  • कर्तृवाचक कृत प्रत्यय

तद्धित प्रत्यय

प्रत्यय वे उपसर्ग होते हैं जो संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के अंत में लगाकर नए शब्द बनते हैं। हिंदी में आठ अलग-अलग प्रत्यय प्रकार होते हैं

उदाहरण :-

वान :- यह किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व लक्षणों को चित्रित करने के लिए नियोजित है। उदाहरण के लिए, यह पहलवान अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली है।

धन + वान = धनवान

विद्या + वान = विद्वान

बल + वान = बलवान

ता

उदार + ता = उदारता

सफल + ता = सफलता

प्रत्यय के उदाहरण

शब्द प्रत्यय
लठैत एत
सपेरा एरा
कमाऊ आऊ
तैराक आक
भगोड़ा ओड़ा
चटोरा ओरा
ससुराल आल
पढ़ाई आई
मिठाई आई
बुढ़ापा पा

निष्कर्ष 

इस ब्लॉग के माध्यम से हमने प्रत्यय के उदाहरण, संस्कृत प्रत्यय के प्रकार, प्रत्यय के प्रकार, Pratyay Ki Paribhasha जैसी अन्य जानकरी को जाना है।

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