Matra Kise Kahate Hain | मात्रा किसे कहते हैं?

इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे की Matra Kise Kahate Hain। इस ब्लॉग में हम आपको बताएँगे की। साथ ही हम आपको बताएँगे की इसका क्या महत्व है। 

Matra Kise Kahate Hain?

स्वर जब व्यंजन से जुड़ता है तो उसकी आकृति का नाम मात्र होता है। दूसरे शब्दों में, बोला जाए तो  मात्रा एक स्वर बोलने में लगने वाले समय की लंबाई है।

Matraye Kitni Hoti Hain?

जैसा कि “अ” अक्षर हिंदी वर्णमाला के स्वरों के अंतर्गत आता है, हिंदी वर्णमाला में सामान्य ग्यारह स्वरों के स्थान पर कुल दस मात्राएँ होती हैं। हिंदी वर्णमाला में केवल 10 मात्राएँ हैं क्योंकि अ के लिए कोई मात्रा नहीं है।

स्वर  मात्रा उदाहरण
    अ कोई मात्रा नही
ग+ ा = गा
ि क + ि = कि
र + ी = री 
ह  + ु = हु
त  + ू = तू 
क + ृ = कृ
य  + े = ये
क + ै = कै
व  + ो = वो 
क + ौ = कौ

Vyanjan Mein Matra Kaise Lgaye?

व्यंजनों के बाद दीर्घ स्वरों आ, ई, और संयोजन स्वरों और की मात्राएँ जोड़ी जाती हैं जैसे- का, की, को, कौ।व्यंजन से पहले, स्वर ध्वनि ई की मात्रा डाल दी जाती है। हृस्व स्वर ऋ, उ, और दीर्घ स्वर के स्वर व्यंजन के नीचे रखे जाते हैं, और संयुक्त स्वर ए और ऐ  के पैमाने व्यंजन के ऊपर रखे जाते हैं।

Matra Ke Baare Mein Mehtvpurn Jankari

  • अक्षर अ में स्वर को परिमाणित नहीं किया जा सकता है। स्वर “अ” जोड़कर कोई भी व्यंजन लिखा और बोला जा सकता है।

जैसे: ख् + अ = ख

  • उ, और  ऊ की संख्या के बीच में लिखा होता है।

जैसे – रुपया

  • जब श और ऋ संयुक्त होते हैं, तो एक नया रूप बनता है।

जैसे: श् + ऋ = श्रृ (श्रृंगार) 

  • यह रूप “ह्” को “ऋ” से जोड़कर बनाया गया है।

जैसे: ह् + ॠ = हृ (हृषीकेश)

Matra Ke Udharan

मात्रा उदाहरण
आम, काम
ि किक  , लिख
रीत, प्रीत
चुप,गुम
धूप, सूरज 
कृपा, तृप्त
सेठ , रेट 
पैसा, वैसा 
गोल , रोल 
औरत , कौआ 

 

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